*क्या है ऑटो इम्यून डिज़ार्डर्स ?*
हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ लड़ता है, लेकिन कई बार यह गलती से शरीर की अपनी कोशिकाओं पर भी हमला कर देता है, इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है। कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनके लक्षण बॉडी में मौजूद होते हैं, लेकिन मरीज़ उन्हें नज़र अंदाज करता रहता है।
ऑटोइम्यून रोगों में मधुमेह, रूमेटॉइड आर्थराइटिस(आरए), सोरायसिस, सोरियाटिक गठिया,मल्टीपल स्क्लेरोसिस(एमएस),आईबीएस, ल्यूपस इत्यादि साठ से भी ज़्यादा रोग आज ऐलोपैथी में तो लगभग लाइलाज हैं !
*परीक्षण*
*एएनए(एलिसा)परीक्षण*
खून में एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (एएनए)परीक्षण से ऑटोइम्यून बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है।
*उपचार*
सामान्यतया ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज एलोपैथी व अन्य चिकित्सा पढ़्तियों में नहीं है ! हाँ होमियापैथी एवं नेचरोपैथी(प्राकृतिक चिकित्सा) में लंबे इलाज से इन रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है ! *(हील के लिए डा ए के अरुण के रिसर्च प्रोजेक्ट का एक अंश)*